ब्रेकिंग न्यूज: बांग्लादेश में इज़राइल विरोधी प्रदर्शन हिंसक हुआ
ढाका, 8 अप्रैल 2025: बांग्लादेश में इज़राइल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए जब उग्र भीड़ ने KFC, बाटा और पिज़्ज़ा हट जैसे विदेशी ब्रांड्स के शोरूमों पर हमला बोल दिया। यह प्रदर्शन गाजा में चल रहे संघर्ष के विरोध में किए जा रहे थे, लेकिन कई शहरों में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी देखने को मिली।
कहाँ-कहाँ हुई हिंसा?
- बोगुरा: बाटा के शोरूम पर हमला, शीशे तोड़े गए और पोस्टर फाड़े गए।
- सिलहट: भीड़ ने KFC की ब्रांच को घेर लिया और वहां नारेबाज़ी के बाद पत्थरबाज़ी शुरू कर दी।
- कॉक्स बाजार: पिज़्ज़ा हट और KFC दोनों पर भीड़ ने हमला किया, कुर्सियाँ, बोर्ड और खिड़कियाँ तोड़ दीं।
हिंसा का कारण क्या था?
गाजा पट्टी में इज़राइल द्वारा चलाए जा रहे हमलों के विरोध में बांग्लादेश में इज़राइल के खिलाफ जनाक्रोश देखा जा रहा था। इस विरोध के तहत हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर कुछ अफवाहें फैलाई गईं कि KFC और बाटा जैसी कंपनियाँ इज़राइल को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती हैं। इससे भीड़ का गुस्सा भड़क गया। कुछ राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने इस भीड़ को हवा दी, जिससे मामला बेकाबू हो गया।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इन घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। ढाका पुलिस के मुताबिक, अब तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। CCTV फुटेज खंगाली जा रही है और जिन लोगों ने हिंसा भड़काई, उनकी पहचान कर ली गई है।
राजनीतिक बयानबाजी
प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ने इस हिंसा के लिए कट्टरपंथी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि देश में अस्थिरता फैलाई जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
भारत और अमेरिका जैसे देशों ने बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरता और भीड़ तंत्र पर चिंता जताई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
स्थानीय व्यापारियों की परेशानी
बाटा और KFC जैसे ब्रांड्स के स्थानीय फ्रेंचाइज़ी मालिकों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें इस हिंसा से करोड़ों का नुकसान हुआ है। उनके पास इज़राइल से कोई संबंध नहीं है, फिर भी उन्हें निशाना बनाया गया।
वीडियो रिपोर्ट (YouTube Embed)
निष्कर्ष
बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, वह साफ दिखाता है कि धार्मिक और राजनीतिक भावनाओं का खेल कितनी जल्दी हिंसा का रूप ले सकता है। सरकार को चाहिए कि वह जनता को सही जानकारी दे और ऐसे संगठनों पर नकेल कसे जो हिंसा फैलाने में लगे हैं। साथ ही जनता को भी समझना चाहिए कि हर विदेशी ब्रांड इज़राइल समर्थक नहीं होता — जांच-पड़ताल के बिना हिंसा करना सिर्फ नुकसान ही पहुंचाता है।
रिपोर्ट: Shivam90 न्यूज़ डेस्क
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