PM मोदी का Bharat Tex 2025 भाषण – देसी अंदाज़ में फुल एनालिसिस | Shivam90.in
"बीज बोया था, अब वटवृक्ष बन रहा है..." – PM मोदी
16 फरवरी 2025 को दिल्ली के भारत मंडपम में PM मोदी ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बहुत बड़ा विज़न रखा। अब यह इंडस्ट्री सिर्फ कपड़ा नहीं, आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बनने जा रही है।
मुख्य बिंदु:
- 3 लाख करोड़ से 9 लाख करोड़ तक: निर्यात टारगेट दोगुना से भी ज्यादा ।।
- PM मोदी ने साफ कर दिया कि अब इंडिया सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रहेगा। आज जो टेक्सटाइल सेक्टर 3 लाख करोड़ तक एक्सपोर्ट करता है, उसे 9 लाख करोड़ तक ले जाने का रोडमैप बन चुका है। मतलब साफ है – छोटे कारोबारी, MSME यूनिट्स और नए एंटरप्रेन्योर के लिए कमाई के जबरदस्त मौके आने वाले हैं। सरकार टेक्नोलॉजी, ट्रेड एग्रीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर तगड़ा निवेश कर रही है ताकि दुनिया भर के बाजारों तक हमारा माल पहुंचे। इससे एक नहीं, लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। जो पहले सिर्फ गांव में छोटा काम करते थे, अब उन्हें इंटरनेशनल मार्केट से ऑर्डर आएंगे। मोदी जी का यह विजन सिर्फ भाषण नहीं, ग्राउंड लेवल पर बदलाव का इशारा है।
- यूवाओं को सुनहरा मौका: डिज़ाइनिंग, AI टेक्सटाइल, स्टार्टअप्स।।
- आज का नौजवान सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं भाग रहा, वो इनोवेशन करना चाहता है। मोदी जी ने इस स्पीच में जिस तरह से डिज़ाइनिंग, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप की बात की – वो सीधा यूवाओं को टारगेट करता है। टेक्सटाइल सेक्टर अब AI आधारित फैब्रिक बना रहा है, जिसमें यूवाओं को डिजिटल स्किल्स, कोडिंग, ग्राफिक डिज़ाइन और E-commerce के ज़रिए बहुत से अवसर मिलेंगे। PM ने कहा कि भारत में क्रिएटिव माइंड्स की कमी नहीं है, बस अब उन्हें रास्ता दिखाया जा रहा है। इसके लिए सरकार डिजाइन इंस्टीट्यूट्स, इनक्यूबेशन सेंटर और स्किल प्रोग्राम पर काम कर रही है। जो युवा अब तक सोचते थे कि फैब्रिक मतलब सिलाई – अब वे इसे एक स्मार्ट स्टार्टअप मॉडल बना सकते हैं।
- महिलाओं को ताकत: गांव की महिलाएं अब ग्लोबल सप्लाई चेन में
- PM मोदी का ये बयान बहुत दमदार था कि अब गांव की महिलाएं भी ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनेंगी। मतलब, जो महिलाएं अब तक सिर्फ अपने घर में सिलाई-बुनाई करती थीं, अब उन्हें सरकार की स्कीम्स से जोड़कर एक्सपोर्ट क्वालिटी का काम दिया जाएगा। महिला SHGs को अब टेक्सटाइल यूनिट्स से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और आत्मनिर्भरता का रास्ता खुलेगा। मोदी जी ने कहा कि देश की आधी आबादी की ताक़त के बिना विकास अधूरा है। इसीलिए महिलाएं अब सिर्फ मजदूरी नहीं करेंगी, बल्कि ब्रांड बनाएंगी, डिज़ाइन सोचेंगी और इंटरनेशनल ऑर्डर हैंडल करेंगी। गांव की महिलाएं जो पहले लोकल मेलों तक सीमित थीं, अब उनकी बनाई चीजें लंदन-पेरिस तक जाएंगी – यही असली ‘लोकल से ग्लोबल’ है।
- लोकल फॉर ग्लोबल: देसी फैब्रिक अब विदेशों में फेमस बनेगा।।
PM मोदी ने 'लोकल फॉर ग्लोबल' की बात कोई पहली बार नहीं की, लेकिन इस बार वो एक्शन मोड में दिखे। उन्होंने साफ किया कि अब भारत का पारंपरिक फैब्रिक – चाहे वो खादी हो, बनारसी हो, कांथा, चिकनकारी या मणिपुरी कपड़ा – उसे इंटरनेशनल मार्केट में ले जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को अब सिर्फ घरेलू कस्टमर तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उसे यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और गल्फ कंट्रीज़ तक एक्सपोर्ट किया जाएगा।
अब गांव का बुनकर, कारीगर, डिज़ाइनर – सभी को ट्रेनिंग, ब्रांडिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलेगा ताकि वो अपने प्रोडक्ट खुद बेच सके। सरकार e-commerce पोर्टल्स, GI टैगिंग और ‘One District One Product’ जैसी स्कीम्स से जुड़कर हर जिले के खास कपड़े को दुनिया तक पहुंचाना चाहती है।
PM मोदी ने कहा कि “हमारा देसी कपड़ा अब सिर्फ पहनने की चीज़ नहीं, ये पहचान बनेगा।” यानी अब भारत का फैशन सिर्फ इंडिया तक सीमित नहीं रहेगा – जो कपड़े यहां की पहचान थे, अब वो स्टाइल स्टेटमेंट बनकर विदेशी रैंप पर दिखेंगे। इससे सिर्फ एक्सपोर्ट नहीं बढ़ेगा, बल्कि भारत का कल्चर, क्राफ्ट और कारीगर भी वर्ल्ड मैप पर चमकेगा।
बार-बार बोले गए शब्द:
शब्द | कितनी बार | मतलब |
---|---|---|
टेक्सटाइल | 14+ | सेक्टर की अहमियत |
रोजगार | 10+ | यूवाओं को इशारा |
निर्यात | 7+ | ग्लोबल पकड़ |
डिज़ाइन | 5+ | क्रिएटिव सोच को बढ़ावा |
MSME | 3+ | छोटे कारोबारियों को ताक़त |
आने वाले फैसलों की झलक:
- AI और IoT आधारित फैब्रिक टेक्नोलॉजी
- नई टेक्सटाइल हब्स का निर्माण
- ग्लोबल ट्रेड एग्रीमेंट्स का इशारा
Shivam90 की देसी राय:
भाई, ये भाषण सिर्फ शब्द नहीं था – ये एक फ्यूचर प्लान था। युवा, महिलाएं, किसान – सबके लिए इसमें मौका है। अब सोचने का नहीं, कुछ करने का टाइम है!
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