ट्रम्प का चीन पर 'डबल अटैक'! भारी टैक्स का ऐलान, क्या होगा दुनिया पर असर?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जिनका अंदाज हमेशा से ही 'हट के' रहा है, एक बार फिर चीन के साथ 'आर्थिक मोर्चे' पर ताल ठोकने की तैयारी में हैं। उन्होंने हाल ही में घोषणा की है कि चीन से आने वाले सामान पर वो नए और ऊंचे टैरिफ लगाएंगे। ये मामला इतना बड़ा है कि सिर्फ अमेरिका और चीन ही नहीं, पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर इसका असर देखने को मिल सकता है!
क्यों बरसे ट्रम्प के 'टैक्स के गोले'?
ट्रम्प साब का कहना है कि चीन सालों से 'अनुचित व्यापार' कर रहा है। उनकी शिकायत है कि चीन अमेरिकी कंपनियों की तकनीक 'चोरी' करता है, अपनी सरकारी कंपनियों को खूब मदद देता है, और अपने सस्ते सामान से अमेरिकी बाज़ार को 'पानी-पानी' कर देता है। उनका मानना है कि ये नए टैरिफ चीन को सबक सिखाने और अमेरिकी उद्योगों को बचाने के लिए ज़रूरी हैं।
कितना लगेगा 'चूना'?
अभी ये साफ नहीं है कि ट्रम्प किस तरह के सामान पर कितना टैक्स बढ़ाएंगे, लेकिन पिछली बार जब उन्होंने चीन पर टैरिफ लगाए थे, तो इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, एल्यूमीनियम और कई उपभोक्ता वस्तुएं शामिल थीं। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। अगर टैक्स बहुत ज़्यादा बढ़ गया, तो चीन से अमेरिका जाने वाला सामान महंगा हो जाएगा, और इसका सीधा असर अमेरिकी ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा।
चीन का 'पलटवार': क्या होगा 'टक्कर' का नतीजा?
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। पिछली बार जब ट्रम्प ने टैरिफ लगाए थे, तो चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सोयाबीन, मक्का और दूसरे कृषि उत्पादों पर जवाबी टैक्स लगा दिया था, जिससे अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान हुआ था। अगर इस बार भी ऐसा ही 'टिट फॉर टैट' वाला खेल चलता है, तो दोनों देशों के व्यापारी और किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे।
दुनिया पर कैसा पड़ेगा 'बवंडर'?
अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। जब ये आपस में व्यापारिक लड़ाई लड़ते हैं, तो इसका असर पूरी दुनिया पर महसूस होता है। वैश्विक व्यापार धीमा हो सकता है, सप्लाई चेन में दिक्कतें आ सकती हैं, और कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं 'हिचकोले' खा सकती हैं। इसके अलावा, इस तनाव का असर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है, जिससे दुनिया में अस्थिरता बढ़ सकती है।
ट्रम्प का 'मास्टरस्ट्रोक' या 'आत्मघाती कदम'?
कुछ लोगों का मानना है कि ट्रम्प का ये कदम अमेरिका के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो सकता है और चीन को व्यापार के नियमों का पालन करने के लिए मजबूर कर सकता है। वहीं, दूसरे खेमे का मानना है कि ये एक 'आत्मघाती कदम' है, जिससे अमेरिकी उपभोक्ता और उद्योग ही परेशान होंगे, और चीन को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
आगे क्या होगा?
फिलहाल तो ये सिर्फ घोषणा है। देखना होगा कि ट्रम्प सरकार इसे कब और कैसे लागू करती है, और चीन इसका क्या जवाब देता है। लेकिन एक बात तय है कि आने वाले दिनों में ये मुद्दा 'गरमाया' रहेगा और इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी। तो भाई-बहनों, कमर कस लो, क्योंकि ये 'आर्थिक दंगल' अभी और दिलचस्प होने वाला है!
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